बुधवार, 18 फ़रवरी 2015

डायबिटीज़ को कंट्रोल करता है कढ़ी पत्ता .

* डायबिटीज़ को कंट्रोल करता है
कढ़ी पत्ता .....!
* हम भोजन में से कढ़ी पत्ता अक्सर निकाल
कर अलग कर देते है. इससे हमें उसकी खुशबू
तो मिलती है पर उसके गुणों का लाभ
नहीं मिल पाता. कढ़ी पत्ते को धो कर
छाया में सुखा कर उसका पावडर इस्तेमाल
करने से बच्चे और बड़े भी भी इसे आसानी से
खा लेते है, इस पावडर को हम छाछ और निम्बू
पानी में भी मिला सकते है. इसे हम
मसालों में, भेल में भी डाल सकते है. प्रतिदिन
भोजन में कढ़ी पत्ते को दाल, सब्ज़ी में
डालकर या चटनी बनाकर प्रयोग
किया जा सकता है, जिस प्रकार दक्षिण
भारत में किया जाता है.
* इसकी छाल भी औषधि है. हमें अपने घरों में
इसका पौधा लगाना चाहिए.
* कढ़ी पत्ते में एंटी-डायबिटिक एंजेट होते हैं।
यह शरीर में इंसुलिन
की गतिविधि को प्रभावित करके ब्लड शुगर
लेवल को कम करता है। साथ ही, इसमें मौजूद
फाइबर भी डायबिटीज़ के रोगियों के लिए
फायदेमंद होता है।
* अपने भोजन में कढ़ी पत्ते की मात्रा बढ़ाएं
या फिर रोज सुबह तीन महीने तक खाली पेट
कढ़ी पत्ता खाएं तो फायदा होगा।
कढ़ी पत्ता मोटापे को कम कर के
डायबिटीज को भी दूर कर सकता है।
* कढ़ी पत्ते में ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने
वाले गुण होते हैं, जिससे आप दिल
की बीमारियों से बचे रहते हैं। यह एंटी-
ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल
का ऑक्सीकरण होने से रोकते हैं। दरअसल,
ऑक्सीकृत कोलेस्ट्रॉल बैड कोलेस्ट्रॉल
बनाते हैं जो हार्ट डिसीज़ को न्योता देते हैं।
* कढ़ी पत्ते में कार्बाज़ोल एल्कालॉयड्स
होते हैं, जिससे इसमें एंटी-बैक्टीरियल और
एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण पेट के लिए
बेहद फायदेमंद होते हैं। यह पेट से पित्त भी दूर
करता है, जो डायरिया होने का मुख्य कारण
है। अगर आप डायरिया से पीड़ित हैं
तो कढ़ी के कुछ पत्तों को कस कर छाछ के
साथ पिएं। ऐसा दिन में दो से तीन बार
दोहराने से आराम मिलता है।
* अगर आपको सूखा कफ, साइनसाइटिस और
चेस्ट में जमाव है तो कढ़ी पत्ता आपके लिए
बेहद असरदार उपाय हो सकता है। इसमें
विटामिन सी और ए के साथ एंटी-
बैक्टीरियल और एंटी-फंगल एजेंट होते हैं,
जो जमे हुए बलगम को बाहर निकालने में मदद
करते हैं। कफ से राहत पाने के लिए एक चम्मच
कढ़ी पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ
मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस मिक्सचर
को दिन में दो बार पिएं।
* अगर आप ज्यादा एल्कोहल का सेवन करते हैं
या फिश ज्यादा खाते हैं
तो कढ़ी पत्ता आपके लिवर को इससे
प्रभावित होने से बचा सकता है।
कढ़ी पत्ता लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से
बचाता है, जो हानिकारक तत्व जैसे
मरकरी (मछली में पाया जाता है) और
एल्कोहल की वजह से लिवर पर पड़ता है। घर के
बने हुए घी को गर्म करके उसमें एक कप
कढ़ी पत्ते का जूस मिलाएं। इसके बाद
थोड़ी-सी चीनी और पिसी हुई
काली मिर्च मिलाएं। अब इस मिक्सचर
को कम तापमान में गर्म करके उबाल लें और उसे
हल्का ठंडा करके पिएं।
* कढ़ी पत्ते में आयरन और फोलिक एसिड उच्च
मात्रा में होते हैं। एनीमिया शरीर में सिर्फ
आयरन की कमी से नहीं होता, बल्कि जब
आयरन को अब्जॉर्ब करने और उसे इस्तेमाल
करने की शक्ति कम हो जाती है, तो इससे
भी एनीमिया हो जाता है। इसके लिए शरीर
में फोलिक एसिड
की भी कमी नहीं होनी चाहिए,
क्योंकि फोलिक एसिड ही आयरन
को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है। अगर आप
एनीमिया से पीड़ित हैं तो एक खजूर
को दो कढ़ी पत्तों के साथ खाली पेट रोज
सुबह खाएं। इससे शरीर में आयरन लेवल
ऊंचा रहेगा और एनीमिया होने
की संभावना भी कम होगी।
* यह बालों के लिए बहुत उत्तम टॉनिक है,
कढ़ी पत्ता बालों को सफ़ेद होने से और झड़ने
से रोकता है. पत्ते में विटामिन बी1 बी3
बी9 और सी होता है। इसके अलावा, इसमें
आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस
की भी भरपूर मात्रा होती है। इसके इस्तेमाल
से बाल सफेद होने से बच सकते हैं। रातभर भीगे
हुए बादाम को छीलकर पानी और 10-15
कढ़ी पत्ता के साथ पीस लें। इस पेस्ट को सिर
की स्किन पर लगाकर मसाज करें। इसके बाद
किसी अच्छे माइल्ड शैम्पू से बाल धो लें।
ऐसा हफ्ते में एक बार करने से कुछ ही हफ्तों में
रिज़ल्ट सामने होगा।
* जहरीले कीड़े काटने पर इसके फलों के रस
को निम्बू के रस के साथ मिलाकर लगाने से
लाभ होता है.

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