गुरुवार, 19 फ़रवरी 2015

शकर , मैदा और नमक ये तीन सफ़ेद ज़हर

शकर , मैदा और नमक ये तीन सफ़ेद ज़हर

शकर , मैदा और नमक ये तीन सफ़ेद ज़हर है , जिनका कम से कम उपयोग होना चाहिए.
शकर -- गन्ने के रस को साफ़ कर और अधिक परिष्कृत करने में कई तरह के केमिकल्स का उपयोग होता है. इसके कारण यह बिना किसी पोषण के केमिकल युक्त मीठा पदार्थ बन के रह जाता है. एक बार इसकी आदत पड़ गई तो और अधिक , फिर और अधिक मिठास की तलब लगती है. यह पाचन क्रिया को गड़बड़ करती है. दांत खराब करती है. जिन्हें वजन कम करना हो सफ़ेद शक्कर बंद कर दे. बहुत जल्दी असर दिखेगा.
मैदा - गेंहू के आटे से पौष्टिक और फाइबर युक्त चोकर को हटाकर और अधिक परिष्कृत कर बारीक पीसकर मैदा बनता है. यह बेहद चिपचिपा होता है. इसे हिलाने में आँतों को ऐसा जोर लगाना पड़ता है की वे कराह उठती है. फिर भी यह चिपक के रहता है. आँतों से चिपका पुराना मैदा विषैले पदार्थ आम बनाता है , जो शरीर में जगह जगह एकत्रित हो कर रोग पैदा करता है.
नमक - आयोड़ाइज्ड नमक में आयोडीन होता है , जिसकी हमें ज़रुरत नहीं होती. ज़्यादा आयोडीन से थायरोइड ग्रंथि में गड़बड़ी आती है. यह नमक रक्तचाप बढाता है , सुजन लाता है. नमक की मात्रा कम करने से एक्स्ट्रा पानी निकल जाता है और वजन में कमी दिखती है. सादा खडा नमक , सेंधा नमक आदि उपयोग में लाये. वो भी कम से कम मात्रा में .

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