मंगलवार, 18 अगस्त 2015

एल्युमीनियम के बर्तनों में बने भोजन के

एल्युमीनियम के बर्तनों में बने भोजन के
गंभीर दुष्परिणाम
आजकल हमारे रसोईघरों में ज़्यादातर बर्तन
एल्युमीनियम से बने हुए होते हैं। आज विश्व
के लगभग ६०% बर्तन अल्यूमीनियम से बनाए
जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक तो ये
दूसरी धातुओं के मुकाबले सस्ते और टिकाऊ
होते हैं, ऊष्मा के अच्छे सुचालक होते हैं एवं
दूसरी ओर लोग एल्युमीनियम के स्वास्थ्य
पर पड़ने वाले दुष्परिणामों से अनभिज्ञ हैं।
भले ही एल्युमीनियम के बर्तन सस्ते पड़ते
हों लेकिन हमारे स्वास्थ्य पर इनका बहुत
बुरा असर पड़ता है। इन बर्तनों में पके हुए
भोजन के कारन एक औसतन मनुष्य
प्रतिदिन 4 से 5 मिलीग्राम
एल्युमीनियम अपने शरीर में ग्रहण करता है।
मानव शरीर इतने एल्युमीनियम को शरीर
से बाहर करने में समर्थ नहीं होता है। एक
तरह से हम रोज़ इन एल्युमीनियम के बर्तनों
के बहाने धीमा ज़हर खा रहे हैं। गौर से देखने
पर आप पाएंगे कि एल्युमीनियम के बर्तनों
में बने भोजन का रंग कुछ बदल जाता है
ऐसा इसलिए होता है कि यह भोजन
एल्युमीनियम से दूषित हो जाता है।
स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव इसलिए
पड़ता है क्योंकि एल्युमीनियम भोजन से
प्रतिक्रिया करता है, विशेष रूप से
एसिडिक पदार्थों से जैसे टमाटर आदि।
प्रतिक्रिया कर यह एल्युमीनियम हमारे
शरीर में पहुँच जाता है। सालों तक यदि हम
एल्युमीनियम में पका खाना खाते रहते हैं
तो यह एल्युमीनियम हमारी मांसपेशियों,
किडनी, लीवर और हड्डियों में जमा हो
जाता है जिसके कारण कई गंभीर
बीमारीयां घर कर जाती हैं।
एल्युमीनियम पोइज़निंग के लक्षण
एल्युमीनियम पोइज़निंग का मुख्य लक्षण
है पेट का दर्द। हो सकता है आपके पेट में
अक्सर रहने वाला दर्द एल्युमीनियम के
कारण हो। इसके अलावा कमज़ोर
याददाश्त और चिंता इसके दूसरे प्रमुख
लक्षण हैं।
एल्युमीनियम के कारण होने वाली
बीमारियां
कमज़ोर याददाश्त और डिप्रेशन
मुंह के छाले
दमा
अपेंडिक्स
किडनी का फेल होना
अल्ज़ाइमर
आँखों की समस्याएं
डायरिया या अतिसार
इसलिए हमेशा लोहे पीतल अथवा मिट्टी
के पात्रों में ही भोजन पकाया जाना
चाहिए। यह आपके भोजन के स्वाद और
आपकी सेहत दोनों के लिए अच्छा है।

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