सोमवार, 7 सितंबर 2015

पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है

पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है, क्योंकि इसमें विटामिन 'ए' प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसके सेवन से रतौंधी (रात को न दिखाई देना) रोग का निवारण होता है और आँखों की ज्योति बढ़ती है।
यकृत या प्लीहावृद्धि में कच्चे पपीते को जीरा, काली मिर्च तथा सेंधा नमक का चूर्ण छिड़क कर खाने से लाभ होता है।
सेंधा नमक, जीरा और नीबू का रस मिलाकर पपीते का नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आंतों की सूजन में काफी लाभ होता है।
दाँतों से खून जाता हो या दाँत हिलते हों तो पपीता खाने से ये दोनों शिकायतें दूर हो जाती हैं।
बवासीर में प्रतिदिन सुबह खाली पेट पपीता खाएँ, इससे कब्ज दूर होगी। शौच साफ होगा और बवासीर से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि बवासीर का मूल कारण कब्ज ही है।

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